नई दिल्ली, अगस्त 27 -- विश्वजीत धर, वरिष्ठ अर्थशास्त्री अमेरिका भेजे जाने वाले ज्यादातर भारतीय उत्पाद अब 50 फीसदी सीमा शुल्क के दायरे में आ गए हैं। फॉर्मास्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद (मूलत: मोबाइल) बेशक अब भी टैरिफ-फ्री हैं, लेकिन कुल व्यापार में इनकी हिस्सेदारी तकरीबन 25 फीसदी ही है। चूंकि, नई शुल्क-वृद्धि का असर रत्न-आभूषण, कपड़ा-परिधान, समुद्री उत्पाद, कालीन-फर्नीचर जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर पड़ना तय है, इसलिए माना जा रहा है कि ट्रंप की टैरिफ-नीति से 48 अरब डॉलर के अधिक के भारतीय निर्यात पर खतरा मंडराने लगा है। इस टैरिफ-नीति के दो गंभीर असर होंगे। पहला, हमारा निर्यात घट जाएगा, जिससे हमारा व्यापार घाटा भी प्रभावित होगा। अभी दोनों देशों के बीच 45.8 अरब डॉलर का व्यापार घाटा है, जो हमारे पक्ष में झुका हुआ है, यानी हम अमेरिका को निर्यात...