मुरादाबाद, जून 16 -- शिव मंदिर बच्चा बाग में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन कथा व्यास आचार्य शिव शंकर भारद्वाज ने रुक्मणी विवाह के उपरांत जरासंध और शिशुपाल वध, कृष्ण सुदामा की मित्रता के प्रसंगों का वर्णन किया। रुक्मणी विवाह पर बधाइयां गाईं, काफी देर तक पांडाल में विवाह का उल्लास छाया रहा। कथा व्यास ने कहा कि परमात्मा सदैव धर्म की रक्षा के लिए उन्हें जरासंध और शिशुपाल का वध करना पड़ा। शिशुपाल का वध करने के लिए उन्होंने सुदर्शन चक्र चलाया तो उंगली में घाव हो गया। तब केवल द्रौपदी को ही पीड़ा महसूस हुई, उन्होंने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर कृष्ण जी की उंगली पर बांध दिया ताकि उन्हें पीड़ा ना हो इस पर भगवान ने उनसे प्रसन्न होकर कहा तुम्हारी इस साड़ी के एक-एक धागे का ऋण में हजार साड़ियों से उतारूंगा। जो उन्होंने द्रोपदी के चीर हरण के समय...