चम्पावत, जून 15 -- हजरत कालू सैय्यद बाबा की मजार पर लगे तीन दिवसीय उर्स का रविवार को कुल शरीफ के साथ समापन हो गया। इस दौरान कव्वालों ने बाबा की शान पर कई कलाम प्रस्तुत किए। रविवार को बफ्फ बोर्ड के सदर और मुतवल्ली बाबा हसमत की मौजूदगी में कालू सैय्यद बाबा की मजार पर पूरनपुर पीलीभीत से आए शारीफ साबरी कव्वाल की टीम ने ताजदार-ए-हरम निगाहें करम, ये सब तुम्हारा करम के साथ तेरा दर मिल गया। मुझको सहारा हो तो ऐसा हो..दमादम मस्त कलंदर अली दम दम दे अंदर, बाबा का कलंबर... मैं कैसा लगूंगा मेरा कैसा लगेगा, मैं हूं बाबा का दिवाना, मुझे को कोई गम नहीं...भर दे झोली मेरी या मोहम्मद, लौट के मैं न जाऊंगा खाली...आदि कई कलाम पेश किए। उर्स में लोहाघाट, चम्पावत, जौलजीबी, पिथौरागढ़, धारचूला, टनकपुर, खटीमा, पीलीभीत आदि नगरों से जायरीनों पहुंचे थे। बाबा हसमत ने बता...
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