मेरठ, सितम्बर 10 -- मेरठ। मेरठ के भामाशाह पार्क में दिव्य ज्योति संस्थान के तत्वावधान में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी रामभद्राचार्य महाराज के श्रीकंठ से कही जा रही रामकथा में मंगलवार को स्वामी जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति को समझना है तो संस्कृत पढ़ना जरूरी है। मंगलवार शाम कथा स्थल पर पहुंचे जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी रामभद्राचार्य ने कथा का शुभारंभ करते हुए कहा कि अपना घर अपना होता है। हम अपने घर में नमक रोटी खाकर भी स्वाभिमान से रह सकते हैं। संत प्रेमानंद महाराज पर उन्होंने कहा कि मुझ पर आरोप लग रह हैं कि मैं संतों की निंदा करता हूं। जिसमें दोष न हो उस पर दोष लगाया जाए तो उसे दोष और निंदा करना कहते हैं। कुछ लोग इसे गलत तरह से ले रहे हैं। भारतीय संस्कृति को समझने के लिए संस्कृत को पढ़ना होगा। बिना संस्कृत भारत को जान भी नहीं सकते। उन्होंने क...