हापुड़, सितम्बर 17 -- नगर के दिल्ली रोड स्थित श्री बालाजी मंदिर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत महाकथा के तीसरे दिन बागेश्वर धाम से पधारे कथा व्यास रोहित महाराज ने भक्तों को विदुर एवं ध्रुव के चरित्र का बहुत सुंदर वर्णन किया। कथा शुरू होने से पूर्व स्वामी अशोकांचाय व स्वामी यश्वर्धनाचार्य महाराज ने पूर्ण विधि विधान से व्यास पीठ का पूजन किया। कथा व्यास रोहित महाराज ने बताया कि विदुर और ध्रुव दो अलग-अलग भारतीय पौराणिक चरित्र हैं, जिनके जीवन से महान शिक्षाएं मिलती हैं। विदुर, महाभारत काल के एक ज्ञानी और धर्मी सलाहकार थे, जिन्होंने हमेशा सत्य और न्याय का पक्ष लिया और धृतराष्ट्र व दुर्योधन को कई बार सही सलाह दी। भले ही उसे अनसुना किया गया। दूसरी ओर ध्रुव एक पांच वर्षीय बालक थे, जिन्होंने भगवान को पाने के लिए सच्ची भक्ति और लगन से तपस्या की ...