बुलंदशहर, सितम्बर 10 -- नहर स्थित गुरु कार्षिण्य आश्रम पर भागवत कथा के तीसरे दिन मथुरा से पधारे भागवत भूषण विश्व चैतन्य महाराज ने मंगलवार को कथा मे धूर्व चरित्र सती चरित्र सुकदेव आगमन आदि कथाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भागवत भगवान का ही स्वरुप है। ध्रुव चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि भक्त ध्रुव 5 वर्ष की उम्र में ही भगवत प्राप्ति के लिए जंगल में निकल गए। भक्ति में अनेक कष्टों का सामना करना पड़ा, लेकिन भगवत प्राप्ति की लग्न में वह अपने ध्येय में टिके रहे और भगवान ने उन्होंने स्वयं आकर दर्शन दिए। उनकी भक्ति को स्वीकार किया। जिससे ध्रुव की भक्ति अमर हो गई। कथा में मधु बाधवा, बीना शर्मा, नीलम शर्मा, मोनिका मित्तल, सतोष शुक्ला, रवि कुमार रामेश्वर माहेशवरी आदि श्रद्धालु रहे।
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