हजारीबाग, अगस्त 27 -- हजारीबाग । तकिया मजार के पीछे स्थित आदिवासी छात्रावास की स्थिति इतनी जर्जर हो चुकी है कि यहां रहना छात्रों के लिए जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है। जिस भवन में छात्र रह रहे हैं उसकी छत जगह-जगह से टूटी हुई है। बरसात के समय कमरों में पानी भर जाता है और छात्र दिन-रात खतरे के साए में रहते हैं। हालात यह हैं कि अक्सर सांप और जहरीले कीड़े निकल आते हैं, जिससे छात्र भयभीत रहते हैं। इस छात्रावास की क्षमता केवल 50 छात्रों के लिए है, लेकिन फिलहाल छात्रावास में डेढ़ सौ छात्र रहने को मजबूर हैं। भीड़ और अव्यवस्था के कारण पढ़ाई का माहौल पूरी तरह बिगड़ चुका है। भवन की मरम्मत और नए निर्माण का टेंडर तीन साल पहले ही निकल गया था, लेकिन अब तक कोई काम शुरू नहीं हुआ। कल्याण विभाग की ओर से हर बार यह आश्वासन दिया जाता है कि काम जल्द होगा, म...