हजारीबाग, अक्टूबर 11 -- एक समय था जब हजारीबाग वॉलीबॉल के लिए पूरे झारखंड में जाना जाता था। 1980 के दशक में यहां के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते थे, लेकिन अब यह चमक फीकी पड़ चुकी है। उचित प्रशिक्षण, इंडोर स्टेडियम, कोच और सुविधाओं की कमी के कारण नई पीढ़ी के खिलाड़ी पीछे रह जा रहे हैं। कॉलेज स्तर पर भी फंड, हॉस्टल, रोशनी और उपस्थिति से जुड़ी समस्याएं खिलाड़ियों की प्रतिभा को प्रभावित कर रही हैं। हिन्दुस्तान के बोले हजारीबाग कार्यक्रम में खिलाड़ियों ने सरकार से जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की। हजारीबाग । हजारीबाग वॉलीबॉल के खिलाड़ियों के लिए एक चर्चितनाम हुआ करता था। 1980 के दशक में यहां से कई खिलाड़ी राष्ट्रीयस्तर पर खेला करते थे। परंतु धीरे-धीरे हजारीबाग का यह रुतबा वॉलीबॉल के खेल में घटता चला गया। पहले वॉली...