सीतापुर, सितम्बर 5 -- जिला मुख्यालय से लेकर सुदूर ग्रामीण अंचलों तक एक-दो नहीं बल्कि दर्जनों सड़कें बदहाल हैं। जिन रास्तों से प्रदेश सरकार के मंत्रियों का रोजाना का आना-जाना है, उन की स्थिति भी बेहद खराब है। कई सड़कें तो ऐसी हैं, जिनसे यह ही पता नहीं चल पाता कि इन रास्तों में गड्ढे बने हैं या फिर बड़े-बड़े रास्तों में आवागमन के लिए सड़कों को बनाया गया है। गड्ढायुक्त इन सड़कों की हालत बरसात के इन दिनों में बद से बदतर हो गई है। रास्तों के गड्ढों में भरा बरसात का पानी ग्रामीण राहगीरों की मुश्किलों को और भी बढ़ा रहा है। ऐसे में इन रास्तों से गुजरना लोहे के चने चबाने जैसा है। यह स्थिति तब और भी चिंताजनक हो जाती है जब सड़कों की मरम्मत और रखरखाव के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई है। यह कहीं न कहीं जनप्रतिनिधियों और स्थानीय प्रशासन की उदासीनता को दर्...