सीतापुर, सितम्बर 22 -- मिलावटखोरी की समस्या सिर्फ सड़क किनारे लगने वाले ठेलों या खोमचों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि मिठाई की दुकानों, घी और तेल के कारोबारियों से लेकर होटलों तक में भी मिलावटी खाद्य सामग्री धडल्ले से परोसी जा रही है। जिसका असर सीधे-सीधे लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि मिलावटी पदार्थों का सेवन कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है, जिसमें कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी शामिल हैं। खाद्य विभाग की ओर से जारी आंकड़े मिलावटखोरी की सच्चाई को उजागर कर रहा है। विभाग के अधिकारियों ने अप्रैल, मई और जून के महीनों में जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से कुल 329 खाद्य नमूनों को इकट्ठा किया। इन नमूनों को जांच के लिए आगरा स्थित प्रयोगशाला में भेजा गया। अब तक इन नमूनों में से 54 की रिपोर्ट आ चुकी है, जिनमें से 27 नमूने जांच में...