रांची, मई 27 -- रांची, संवाददाता। झारखंड में कार्यरत 17,380 पंचायत सहायकों की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। हिन्दुस्तान के बोले रांची कार्यक्रम में पंचायत के सहायकों ने कहा कि न्यूनतम मानदेय मिलता है। संसाधनों की कमी है। बावजूद, ग्रामीण विकास की रीढ़ बने हुए हैं। कहा कि लाखों रुपए खर्च कर पंचायत भवन बनाए गए। 90 प्रतिशत पंचायत भवन बंद पड़े हैं। जमीन पर बैठकर काम करना पड़ता है। आकस्मिक मृत्यु पर अनुकंपा नियुक्ति, प्रोत्साहन राशि भुगतान, प्रशिक्षण, बीमा, पहचान पत्र और कार्यालय जैसे बुनियादी अधिकारों से वंचित हैं। सरकार इसे जल्द उपलब्ध कराए। झारखंड में पंचायत सहायकों की भूमिका ग्रामीण प्रशासन और विकास योजनाओं के संचालन में अत्यंत महत्वपूर्ण है। हिन्दुस्तान के बोले रांची कार्यक्रम में पंचायत सहायक संघ ने कहा कि 2016 से कार्यरत पंचायत सहायकों को श...