बिजनौर, सितम्बर 3 -- हर साल मालन नदी का तटबंध टूटने से कई गांव में बाढ़ आती है। जिससे आसपास क्षेत्र के करीब दो दर्जन गांवों में पानी घुस जाता है। इस बार भी तटबंध टूटने से लोगों के घरों से लेकर फसलों तक में पानी भर गया। फसलों को तो नुकसान हुआ ही साथ ही संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया। बाढ़ को देखकर प्रशासनिक अधिकारियों को भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आना पड़ा। बाकरपुर और हमीदपुर के बीच मालन का तटबंध टूटने की घटना ने सिंचाई विभाग की तैयारियों की पोल खोल दी थी। अब ग्रामीणों ने मांग उठाई है कि मालन का तटबंध पक्का और मजबूत बनाया जाए तो हर साल आने वाली बाढ़ से निजात मिल सकती है। क्योंकि मजबूत तटबंध बाढ़ के पानी को नियंत्रित करने और उसे सुरक्षित रूप से बाहर निकालने में मदद करता है। जिससे नदी के आसपास के क्षेत्रों को बाढ़ से बचाया जा सकता है। ग्...