बिजनौर, अगस्त 24 -- जीएसटी के नए स्लैब लागू होने के बाद से ही सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र लगातार जीएसटी स्लैब के सरलीकरण और उसमें कमी किए जाने की मांग करता रहा है, जिसके चलते बहुस्तरीय कर ढांचे के कारण वर्गीकरण संबंधी विवाद उत्पन्न हुए। जिनका प्रतिकूल प्रभाव एमएसएमई इकाइयों की कार्यशील पूंजी और उनके संचालन पर पड़ा। अब सरकार ने जीएसटी की नई दरों को मंजूरी दी है। जिसके चलते कर निर्धारण की दरों में सरलीकरण की संभावना बढ़ गई है और बाजार में रौनक लौटने की उम्मीद है। हालांकि उद्यमी इस जीएसटी स्लैब के बाद विभागीय परेशानियों के बढ़ने की चिंता भी जाहिर कर रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री की घोषणा से जीएसटी की दर कम होने की उम्मीद है। इससे खरीदारी बढे़ंगी और कारोबार का विस्तार होगा। जीएसटी की दरों में बदलाव किए जाने क...