बाराबंकी, जुलाई 11 -- शहर से लेकर तहसीलों तक जलनिगम और नगर पंचायत व पालिका की पेयजल टंकियों के भरोसे हजारों लोग प्रतिदिन पीने का पानी पाते हैं। लेकिन इन टंकियों की सफाई, सुरक्षा और रखरखाव को लेकर भारी लापरवाही सामने आ रही है। वर्षों पुरानी टंकियों की दशा जर्जर हो चली है, लेकिन न तो इनकी नियमित सफाई होती है, न ही मरम्मत पर ध्यान दिया जा रहा है। शहर क्षेत्र, देवा, हैदरगढ़, रामनगर, फतेहपुर, बदोसराय, सिद्धौर समेत कई स्थानों पर बनी टंकियों की उम्र 20 से 40 वर्ष के बीच है। इनमें से अधिकांश टंकियों की सफाई साल में केवल एक बार होती है, जबकि मानक के अनुसार प्रत्येक तीन माह में एक बार टंकी की सफाई जरूरी है। टंकी की सफाई के समय इलाके में जलापूर्ति बाधित हो जाती है। अधिकतर स्थानों पर वैकल्पिक पानी की व्यवस्था नहीं होती, जिससे लोगों को निजी बोरिंग, हैं...
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