बाराबंकी, सितम्बर 10 -- जिले में प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र खुले हैं। इन्हें खोलने का मकसद सरकार का यह था कि लोगों को सस्ती दवाएं उपलब्ध हो। लेकिन जन औषधि केंद्र पर दवाएं तो बाजार से काफी सस्तीद हैं मगर बिक्री का टोटा। जिला मुख्यालय से लेकर तहसील मुख्यालय तक और बड़े कस्बों ने भी जन औषधि केन्द्र खोले गए हैं। नए रोजगार सृजन होने से युवा पहले काफी खुश थे। मगर बिक्री कम होने से सभी में मायूसी भी नजर आई। जिसका प्रमुख कारण निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर ब्रांडेड दवाइयां ही लिखते हैं। वहीं सरकारी अस्पतालों में भी बाहर की दवाइयों के पर्चे काफी मरीजों को दिए जाते हैं मगर उसमें भी साल्ट (जेनरिक) न लिखकर ब्रांडेड कम्पनियों की दवाइयों के ही नाम दर्ज होते हैं। केन्द्रों को खोलने वालों ने कहा कि अगर सरकारी अस्पतालों के मरीजों को सिर्फ जेनरिक दवाएं लि...