बहराइच, दिसम्बर 24 -- जिले में पांच वर्ष पूर्व ई रिक्शा संचालन की शुरुआत हुई तो धुआं उगलते डीजल आटो से आजिज शहर, कस्बों व गांव के लोगों में पर्यावरण संरक्षण में मददगार बैट्री चालित ई रिक्शा एक सुखद अहसास जगा रहे थे। परिवहन के इस सुलभ साधन ने कमजोर वर्ग के लोगों की बेरोजगारी दूर करने का रास्ता आसान किया। इन पांच वर्षों के अंतराल में शहर, कस्बों, गांवों में अंधाधुंध ई रिक्शों की भरमार से जब अब जाम की समस्या विकराल हो रही है तो अब दुखदायी बन रहे हैं। ई रिक्शा के सुलभ साधन पर उस धनाढ्य वर्ग की निगाहें पड़ी जो बड़ी कमाई के अवसर की तलाश में रहते हैं। एक ऐसा वर्ग तैयार हुआ जिसने दर्जनों रिक्शे खरीद उन्हें किराए पर उठाना शुरू कर दिया। तमाम ऐसे लोग भी ई रिक्शा दौड़ चलवाने की में शामिल हो गए। जिन्होंने कम से कम दो तीन रिक्शा खरीदकर आमदनी का जरिया त...