मथुरा, अगस्त 14 -- फिरोजाबाद। आजादी के आंदोलन के दौरान हिरनगांव स्टेशन की घटना आज काफी कम लोगों को याद होगी। जब स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों ने स्टेशन में आग लगा दी थी, उस वक्त दो स्वतंत्रता संग्राम सैनानी झाड़ियों में छिपे थे, जो ब्रिटिश हुकूमत के हत्थे चढ़ने से बचे थे। कोतवाल क्रांतिकारियों को पकड़ने के लिए गुदाऊं की ठार पहुंचे तो एक क्रांतिकारी ने लाठी के एक वार से जमीन पर रखे पत्थर को टूटते देख कर कोतवाल भी सहम गए। अपने सिपाहियों के साथ में वहां से वापस लौट आए। जब ब्रिटिश हुकूमत को इसकी खबर मिली तो आगरा से एक सैन्य टुकड़ी लेकर गुदाऊं का घेराव किया। सुबह दूध बांटने के लिए जाने वालों को भी अंग्रेजी पुलिस ने नहीं बख्शा। जब विदेशी वस्त्रों के बहिष्कार पर फिरोजाबाद के मंदिरों में देवी-देवताओं की प्रतिमाओं ने भी खादी के वस्त्र पहने थे तो धीरपुर...