फिरोजाबाद, अक्टूबर 7 -- बदलते दौर में शिक्षा नीति मे बदलाव काफी वक्त से जरूरी माना जा रहा था। पुरानी शिक्षा प्रणाली बच्चों को शिक्षित बना रही थी, लेकिन उसे रोजगारपरक नहीं कहा जा सकता था। नई शिक्षा नीति में बच्चों के हुनर पर भी जोर दिया जा रहा है, ताकि कॉलेज से निकलने वाले छात्र सिर्फ किताबी रूप से शिक्षित नहीं हों, बल्कि व्यवहारिक रूप से भी वह शिक्षित हों। खुद शिक्षक स्वीकारते हैं कि बच्चों पर से पढ़ाई का दबाव कम होना चाहिए, तभी वह अपना बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। इसके साथ में आज समाज में फैल रही बुराइयों को रोकने के लिए नैतिक शिक्षा की जरूरत है, जो शिक्षा के पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा को शामिल करने पर ही संभव है। नई शिक्षा नीति एवं शिक्षा में हो रहे बदलाव को लेकर ब्लूमिंग बड्स स्कूल के शिक्षकों से हिन्दुस्तान बोले के तहत संवाद किया तो शिक्ष...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.