गंगापार, अगस्त 24 -- गौहनिया लाखों की लागत से बनी मृदा परीक्षण प्रयोगशाला कर्मचारियों की लापरवाही से भवन कबाड़ हो गया है। सरकार ने किसानों के खेतों को सेहतमंद बनाने के लिए 1993 में सम्भागीय मृदा परीक्षण प्रयोगशाला बुंदावा गौहनिया को स्थापित किया था। किन्तु कर्मचारीयों की लापरवाही के चलते इलाके के किसानों के खेतों की मिट्टी का परीक्षण न हो पाने कारण किसानों को सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा है। प्रयोगशाला में न तो कोई स्थाई कर्मचारी तैनात है न ही स्टॉफ उपलब्ध है। जिससे मिट्टी की सेहत जांच नहीं हो पा रही है। ऐसे में सुविधा के अभाव में किसान अपने खेतों के मिट्टी की जांच नही करा पा रहे हैं, जिससे उनके खेतों के उत्पादन पर भी फर्क पड़ रहा है। इलाके के कास्तकार बताते हैं कि किसानों की कृषि भूमि की उर्वरा क्षमता घट भी रही है। किन्तु इस प्रयोगशाला में...