भागलपुर, सितम्बर 10 -- प्रस्तुति : सुशील कुमार झा जिले में लगभग 246 पंचायत रोजगार सेवक कार्यरत हैं, जिनका मुख्य दायित्व मनरेगा योजना का प्रभावी क्रियान्वयन है। ये ग्राम पंचायत स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने, कार्यों का आवंटन करने, मांग दर्ज करने, निगरानी और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। योजना के तहत ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराना इनकी जिम्मेदारी है। फिर भी, विडंबना यह है कि लगातार 18 वर्षों तक सेवा देने के बावजूद इनकी सेवाओं को स्थाई नहीं किया गया और न ही इन्हें सम्मानजनक मानदेय मिल रहा है। वर्षों से मानदेय वृद्धि की मांग उठाने के बाद भी कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है। जिले के पंचायत रोजगार सेवक लंबे समय से अपनी सेवाओं और जिम्मेदारियों के अनुरूप मानदेय न मिलने से हतोत्साहित और निराश हैं। लगभग 18 वर्षों से स्थानीय स्तर पर...
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