गोंडा, सितम्बर 18 -- एक समय था जब जिले के मंजूर आलम उर्फ मन्ना उस्ताद जैसे बेहतरीन सेंटर हाफ खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी खास पहचान बनाई थी और जिले में हॉकी को लेकर युवाओं में जबरदस्त क्रेज हुआ करता था लेकिन दिन बीतते गए और ज्यादातर मैदानों पर दूसरे खेलों ने कब्जा कर लिया और हॉकी खिलाड़ी भी कम होने लगे। गोण्डा। जिले में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का सपना उपेक्षा और असुविधाओं के बीच पल रहा है। हॉकी का खेल चमकाने के लिए जिले में न तो सुविधाएं हैं और न ही खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिल रहा है। हालांकि ऐसे ही कई खिलाड़ी हैं, जो सुविधाओं के अभाव में भी राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं आज हॉकी खिलाड़ियों की बात करें तो ज्यादातर हॉकी खिलाड़ी ग्रामीण या मध्यमवर्गीय परिवारों से आते हैं। जिन्हें न तो अच्छी क्वालिटी...
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