गोंडा, जून 9 -- जिले के मनकापुर, छपिया, बभनजोत, मुजेहना और करनैलगंज में सैकड़ों किसान आम उत्पादन से जुड़े हैं। हालांकि, यहां पर लखनऊ के मलिहाबाद और बाराबंकी के मसौली क्षेत्र की तरह आम का उत्पादन नहीं होता है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछली योजना में 40 किसानों को बागवानी के लिए अनुदान दिया गया था। आम उत्पादन से जुड़े किसानों का कहना है कि उन्हें फसल बचाने के लिए कीटनाशकों के बारे में या वैज्ञानिक सलाह आसानी से नहीं मिल पाती है। साथ ही आम की खेती करने के लिए शुरू में निवेश करने के साथ काफी धैर्य रखने की जरूरत होती है क्योंकि आम के पौधे लगाने के बाद पांच से छह साल बाद ही उत्पादन शुरू हो पाता है। गोण्डा। जिले में आम-बागवानी करके फलों के राजा का उत्पादन करने में आधा दर्जन ब्लॉकों के किसान शामिल हैं। इन किसानों का कहना है कि सरकार बागवानी को ...