वाराणसी, सितम्बर 2 -- वारणसी। 'भगवान जगन्नाथ के माध्यम से काशी का ओडिशा से सदियों पुराना 'नाता-रिश्ता है। काशी में 'रथयात्रा नामक स्थान भी है जहां हर वर्ष तीन दिवसीय 'रथयात्रा मेला लगता है-सजता है। काशीवासी अपने आराध्य की अर्चना करते हैं। काशी के शैक्षिक और सांस्कृतिक 'अभ्युदय को गतिमान करने में उत्कल समाज के लोगों का योगदान अक्षुण्ण है। समाज के लोग चाहते हैं कि 'प्रभु जगन्नाथ को समर्पित एक घाट बनाया जाए, इससे समाज का गौरव निरंतर 'पुष्पित-पल्लवितहोता रहेगा और सामाजिक-चेतना भी प्रखर होती रहेगी। पुरी-काशी के बीच हाईस्पीड वंदेभारत भी चलाई जानी चाहिए। बनारस में उत्कल समाज के काफी लोग रहते हैं जो काशी की सांस्कृतिक धारा से 'ओतप्रोत हो चुके हैं। उनकी अपेक्षा है कि पुरी-काशी के बीच सांस्कृतिक चेतना को और पुष्ट करने की दिशा में गंभीरता से प्रयास ...
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