नई दिल्ली, अक्टूबर 12 -- वाराणसी। रिंग में मुक्का मारकर मेडल जीतने का सपना काशी के हर मुक्केबाज का है लेकिन 'आसमान' छूने से पहले ही वे आर्थिक चोट से घायल हो रहे हैं। सिगरा स्पोर्ट्स स्टेडियम में ट्रेनिंग के लिए अत्यधिक फीस, महंगे सुरक्षा उपकरण और पौष्टिक डाइट शुल्क न मिलने से खिलाड़ियों का दम घुट रहा है। मेडल जीतने के बाद भी जब स्पोर्ट्स कोटे की नौकरी का दरवाजा बंद मिलता है तो खिलाड़ियों का मनोबल कमजोर पड़ने लगता है। वाराणसी बॉक्सिंग एसोशिएसन से जुड़े सदस्यों और खिलाड़ियों ने चांदपुर में 'हिन्दुस्तान' से बातचीत के दौरान कहा कि मुक्केबाज पर्याप्त सरकारी प्रोत्साहन राशि और वित्तीय सहायता की कमी से जूझ रहे हैं। यह स्थिति बॉक्सिंग की उभरती प्रतिभाओं के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। नेशनल बॉक्सिंग खिलाड़ी श्रीवांश त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय खेल प्र...