भागलपुर, जुलाई 12 -- प्रस्तुति: ओमप्रकाश अम्बुज, मोना कश्यप पहले कनेक्टिंग इंडिया बाद में कनेक्टिंग भारत का सपना साकार करने वाले बीएसएनएल के कर्मचारी परेशानी में हैं। रिटायरमेंट के बाद उनका कोई हाल जानने वाला नहीं है। तार से लेकर केबल बिछवाकर घर-घर संचार पहुंचाने वाले कर्मचारियों को आज अपने हक के लिए भटकना पड़ रहा है। तमाम को उम्र से पहले ही रिटायर कर दिया गया। अब उसके बाद सुविधाएं देने में महकमा कतरा रहा है। वह अपनी जरूरतों के लिए सरकारी चौखट चूम रहे हैं। उन्होंने उम्र भर तारों को जोड़ा, संचार को जीवन दिया, हर आपदा में दिन-रात एक कर देश को आवाज दी। लेकिन आज, जब खुद उनकी आवाज कांपने लगी है, तो कोई सुनने वाला नहीं। बीएसएनएल के कर्मचारी रहे बुजुर्ग फुलेश्वर यादव की आंखों में पानी था, लेकिन आवाज में तल्खी है कि हमने तूफान में लाइन जोड़ दी, ल...