एटा, जुलाई 11 -- शासन ने बेसिक शिक्षा परिषद के 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को निकट के विद्यालय में मर्ज करने के निर्देश दिए हैं, जिसका विरोध उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ कर रहा है। संगठन का आरोप है कि विद्यालय मर्ज होने से प्रधानाध्यापक और रसोइयों का पद समाप्त हो जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूल मर्ज कर जनपद में 99 प्रतिशत प्रधानाध्यापकों को सरप्लस कर दिया है। इससे प्रधानाध्यापकों के पदों पर संकट खड़ा हो गया है। संगठन विभिन्न माध्यमों से मुख्यमंत्री तक शासन के इस आदेश को निरस्त कराए जाने की मांग उठा रहा है। शिक्षक नेताओं ने अपनी आवाज बुलंद करते हुए कहा कि स्कूल विलय का निर्णय शिक्षा का अधिकार अधिनियम का खुला उल्लंघन है। छह से 14 साल के बच्चे को गांव में शिक्षा दिलाने का अधिकार है। सरकार ने बगैर किसी सर्वे के विलय का निर्णय ...