उन्नाव, जून 1 -- जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूरी पर स्थित सिंघूपुर के लोग लंबे समय से जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं। आधी-अधूरी बनी गोशाला में मवेशी नहीं है। आवारा मवेशियों की धमाचौकड़ी किसानों के लिए मुसीबत बन चुकी है। टेल से पहले नहर बंद होने से किसान अपनी फसलों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। गांव के बाहर स्थित झील में निकासी न होने से पानी खेतों में भरता है। इससे उनकी फसलें बर्बाद हो रही हैं। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से लोगों ने अपनी पीड़ा साझा की। सभी ने एकसुर में कहा कि सफाई और पीने के पानी की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। इस कारण लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। कांशीराम के पास स्थित तहसील से दो किलोमीटर की दूरी पर सिंघूपुर गांव बसा है। इसकी आबादी चार हजार से अधिक है। यहां के ज्यादातर बाशिंदे खेती-किसानी पर ही निर्भर हैं...