अयोध्या, सितम्बर 18 -- भारत कृषि प्रधान देश रहा है। भारत की ग्रामीण जनता का प्रमुख आर्थिक स्रोत रहा कृषि व पशुपालन का ही रहा है। कहा जाता है कि कभी भारत में दूध की नदियां बहती थी। लेकिन समय के करवट बदलने के साथ ही पशुपालन से लोगों का मोहभंग हो रहा है। पशुपालन के क्षेत्र में आने वाली चारागाह,दूध के सही दाम न मिल पाने दूध से बने ब्राडेंड उत्पादों की मांग सहित अन्य समस्याओं को देखकर आने वाली युवा पीढ़ी पशुपालन से इतर दूसरे धंधों में लगकर जीविका चलाने के लिए निकल पड़ी है। आंकड़ों के मुताबिक भारत दुनिया में दुग्ध उत्पादन पर पहले स्थान पर है फिर भी दुग्ध का व्यवसाय करने वाले पशुपालक आज भी आर्थिक स्थिति मे हाशिए पर ही खड़े हुए हैं। आज पशुपालकों के सामने हरा चारा,भूसा,पशु चिकित्सा सुविधाओं का अभाव,दूध का उचित मूल्य न मिलना सहित अन्य कई समस्याओं स...