नई दिल्ली, नवम्बर 9 -- Bihar Chunav: बिहार की राजनीति दशकों से जाति के इर्द-गिर्द घूमती रही है, जहां अक्सर बड़ी जातियों के बजाय कुशवाहा, मल्लाह, मांझी जैसी छोटी जातियां भी अपने अलग नेताओं के साथ एक स्वतंत्र इकाई के रूप में उभरती हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस प्रवृत्ति का एक बड़ा अपवाद हैं। पिछले दो दशकों में नीतीश कुमार ने खुद को सिर्फ एक कुर्मी नेता (जो राज्य की आबादी का 3% से भी कम है) तक सीमित न रखते हुए, एक ऐसा जातीय गठबंधन बुनने में सफलता हासिल की है जो उनके व्यक्तित्व के चारों ओर केंद्रित है। यह उनकी राजनीतिक ताकत को दर्शाता है, क्योंकि अन्य प्रमुख नेता आज भी अपनी जातिगत आधार पर केंद्रित हैं। बिहार की राजनीति में आरजेडी के तेजस्वी यादव को मुख्य रूप से यादवों का नेता माना जाता है। चिराग पासवान (LJP-RV) मुख्य रूप से दुसाध स...