लखनऊ, अक्टूबर 8 -- वार्षिक राजस्व आवश्यकता स्वीकार करने के 120 दिनों के भीतर बिजली की नई दरें घोषित न होने पर बुधवार को राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में लोक महत्व याचिका दायर कर दी। उपभोक्ता परिषद ने इस याचिका में नई दरों के लिए अनुचित देरी के अलावा बिजली दरों में बढ़ोतरी का दबाव और गुपचुप बैठकों व निजीकरण की साजिश का भी विरोध किया है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बीते पांच साल से प्रदेश में बिजली की दरें स्थिर हैं। कुछ लोग साजिश रच रहे हैं कि लगातार छठे वर्ष भी बिजली की दरें न बढ़ने पाएं ताकि यूपी के नाम यह कीर्तिमान न बने। याचिका में कहा गया है कि बिजली की नई दरें 9 सितंबर तक जारी हो जानी चाहिए थीं। उन्होंने याचिका में मंत्री एके शर्मा की बैठक में नियामक आयोग के अध्यक्ष की मौजूदगी पर भी सवाल उठाए ...