लखनऊ, दिसम्बर 21 -- बिजली चोरी पर लगाम और बिल वसूली के लिए उठाए जा रहे कदमों का असर पावर कॉरपोरेशन के लोन पर दिख रहा है। पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन की परफॉर्मेंस ऑफ स्टेट पावर यूटिलिटी- 2024-25 की रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक बीते चार साल में कर्ज में करीब 25 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2020-21 में बिजली कंपनियों ने 81952 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जबकि 2024-25 में कर्ज 61,395 करोड़ रुपये ही रहा। कर्ज में कमी देखते हुए निजीकरण के प्रस्ताव को रद्द करने और उपभोक्ताओं को इसका लाभ देने की मांग उठने लगी है। पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन की रिपोर्ट के मुताबिक देश के ज्यादातर राज्यों की बिजली कंपनियों का कर्ज बढ़ा है। सभी राज्यों के बिजली क्षेत्र का कुल बकाया ऋण 2020-21 में 5,76,112 करोड़ रुपये था, जो 2024-25 में बढ़कर 8,05,422 करोड़ रुपये हो गया। आंध्र ...
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