गया, सितम्बर 26 -- विश्व में हर साल 67 लाख लोगों की मौत वायु प्रदूषण के कारण हो रही है। बाहरी प्रदूषण पर निगरानी के लिए कई शहरों में मापक यंत्र लगाए गए हैं। लेकिन, इनडोर पॉल्यूशन की ओर किसी का ध्यान नहीं है। उक्त बातें शुक्रवार को विश्व पर्यावरणीय स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर मगध विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित विशेष व्याख्यान में मुख्य वक्ता गया दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय में पर्यावरण विज्ञान विभाग के आचार्य डॉ. राजेश कुमार रंजन ने कही। उन्होंने कहा कि बाहरी प्रदूषण से कहीं अधिक खतरनाक है घर के अंदर का प्रदूषण है। लेकिन, लोग इससे अनभिज्ञ हैं। 'बूमरैंग प्रदूषण की संज्ञा देते हुए उन्होंने कहा कि जितना प्रदूषण फैलाते हैं, वह लौटकर हमारे जीवन को ही प्रभावित करता है। भारत दुनिया का पांचवां सबसे ...