नई दिल्ली, जुलाई 11 -- यूपी के चित्रकूट में 10 बरस की बच्ची के डर, स्वाभिमान और अंत की यह दास्तान किसी को भी रुला देगी। उसका मन बिस्किट-नमकीन खाने का था। घर में यह चीजें नहीं थीं। उसने घर से आधा किलो चावल चुरा कर बेच दिए। दस रुपये मिले, जिनसे बिस्किट-नमकीन खरीद कर खाए। दो साल बड़े भाई ने देख लिया तो धमका दिया। पापा से बता दूंगा कि तू ने चावल बेचे हैं। पिता की डांट- मार और अपने अपमान की सोच कर बच्ची घबरा गई। वह पापा से इस कदर डर गई कि खामोशी से घर लौटी और फांसी पर झूल गई। जिस पिता के डर से उसने दुनिया छोड़ दी, वह रो-रो कर सिर पटक रहा है। मां अचेत हो रही है। अब भाई-बहन बिलख रहे हैं। उस बच्ची को अब कौन बताए कि मां-बाप उसकी याद में तड़प रहे हैं। भाई की धमकी उसका बचपना थी। पूरा गांव अब उस पर पूरी फसल न्योछावर करने को तैयार है। कलेजे झकझोर देने...
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