अलीगढ़, दिसम्बर 29 -- अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। भारतीय शिशु रोग अकादमी की रविवार को आयोजित कार्यशाला में बच्चों में अस्थमा की बढ़ती समस्या पर चिंता व्यक्त की गई। मैरिस रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यशाला बाल रोग विशेषज्ञों और प्रशिक्षु डॉक्टरों को अस्थमा के आधुनिक निदान व उपचार पद्धतियों की जानकारी दी गई। स्पायरोमेट्री, बीएफटी (ब्रीदिंग फंक्शन टेस्ट) और नवीन उपचार विकल्पों पर विस्तार से चर्चा हुई। कार्यशाला के समन्वयक व अकादमी की अलीगढ़ इकाई के अध्यक्ष डॉ. विकास मेहरोत्रा ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण, बदलते मौसम और प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन का असर अब बच्चों की सेहत पर साफ दिखने लगा है। कभी बुजुर्गों तक सीमित मानी जाने वाली सांस की बीमारी अस्थमा अब बच्चों में तेजी से फैल रही है। पांच से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों में अस्थमा के मामले...