एटा, अगस्त 23 -- समाज, देश और दुनिया में हमेशा से हर क्षेत्र में बदलाव होते रहे हैं। इसी तरह के बदलावों का एक रूप है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई। जब भी कुछ नया लॉन्च होता है तो उसके दो पहलु होते हैं। एक अच्छा और बुरा। हालांकि ये बात अलग है कि किसे इसका फायदा होता है और फिर इससे नुकसान झेल रहा है। इसी बीच एक बात साफ है कि एआई बच्चों के होमवर्क करने के लिए नहीं है। पिछले कुछ समय में एआई का दायरा शिक्षा क्षेत्र में भी बढ़ रहा है। इसके सकारात्मक पहलुओं को लेकर जहां स्कूल आशान्वित हैं। वहीं कुछ नकारात्मक पहलुओं को लेकर चिंता भी लगातार बढ़ रही हैं। सबसे ज्यादा चिंता सही गलत के बीच फर्क न कर पाने और रचनात्मकता पर पड़ रहे प्रभाव को लेकर है। तकनीकी का सही उपयोग होना चाहिए। इसके उपयोग से नहीं बचा जा सकता। एआई आज का सच है। इसके दोनों पहलुओं पर विचा...
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