लखनऊ, जून 18 -- पूर्वांचल और दक्षिणांचल में उपभोक्ताओं पर बकाया राशि में से केवल 30-40% वसूली ही बाध्यकारी होगी यानी, अगर बिजली कंपनियां इतनी रकम नहीं वसूली सकीं तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। हालांकि, बची हुई 60% रकम के बारे में आयोग में दाखिल निजीकरण पर सलाह के मसौदे में कुछ नहीं कहा गया है। दोनों कंपनियों का उपभोक्ताओं पर 65,909 करोड़ रुपये बकाया है। इसके अलावा मसौदे में यह भी कहा गया है कि बिजली कंपनियों को निजीकरण के बाद अगले पांच साल में वितरण हानियों में 3% की कमी लानी होगी। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बुधवार को आयोग में दाखिल मसौदे पर सवाल उठाए हैं। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि क्या निजीकरण के सौदे के साथ बकाया राशि की 60 प्रतिशत रकम औद्योगिक समूहों को देने की तैयारी है? इसके अलावा लाइन लॉस में 3% की क...