गिरडीह, सितम्बर 13 -- जमुआ, प्रतिनिधि। जमुआ के मिर्जागंज मंडी 70-80 के दशक में महत्वपूर्ण व्यवसायिक मंडी थी। जहां खाद्यान्न, सोना-चांदी और कपड़ों की खरीद फरोख्त होती थी। व्यापारियों का मानना है कि सरकारी उदासीनता के कारण यह मंडी विकास से बहुत पीछे रह गया। बताते चलें कि जमुआ-देवघर मुख्य मार्ग और जमुआ से तीन किलोमीटर दूर मिर्जागंज 70-80 के दशक में एक बड़ी व्यवसायिक मंडी के रूप में विख्यात थी। विभिन्न प्रकार की खाद्यान्नों की थोक मंडी के रुप में जिलेभर में महत्वपूर्ण स्थान रखनेवाली मिर्जागंज मंडी की व्यवसायिक चमक अब अतीत का हिस्सा बनकर रह गयी है। बताया जाता है कि यहां के व्यापारी देश के बड़ी मंडियों मसलन कानपुर, नासिक, हापुड़, पटना आदि जगहों से माल मंगवाकर पूरे जिले में आपूर्ति करते थे। तब इस मंडी में जिले के तिसरी, गावां, मालडा, देवरी, चकाई...