नई दिल्ली, सितम्बर 1 -- अरविंद गुप्ता,पूर्व राजनयिक एवं डायरेक्टर, वीआईएफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेने के लिए चीन पहुंचे थे, लेकिन राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उनकी द्विपक्षीय बातचीत कहीं अधिक अहम साबित हुई है। इससे न सिर्फ दोनों देशों के पारस्परिक संबंध आगे बढ़ेंगे, बल्कि वैश्विक व क्षेत्रीय हालात पर भी इसका खासा प्रभाव पड़ेगा। वास्तव में, भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने का काम पिछले साल अक्तूबर में ही शुरू हो गया था, जब कजान में दोनों शीर्ष नेताओं ने मुलाकात की थी। इसके बाद विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत हुई। इन बैठकों में मुख्य रूप से सीमा पर तनाव, भारत-चीन व्यापार असंतुलन, हवाई सेवा व वीजा सेवा की पुनर्बहाली, द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य जैसे मुद्दों पर चर्चा होती...