अलीगढ़, सितम्बर 8 -- टप्पल। पखोदना स्थित किसान इंटर कॉलेज में राहत शिविर में शरण लेने वाले अधिकांश किसान और उनके परिवार हैं। ये लोग स्थानीय लोगों के खेतों में सब्जियां-फूल उगाते और बेचते हैं। फिलहाल खेतों में जलस्तर तेजी से घट रहा है, लेकिन अभी हालात लौटने लायक नहीं हैं। राहत शिविर में रह रहे किसान कहते हैं कि पानी के तेज बहाव में घरों में दरार आ गई हैं और फसल नष्ट हो गई है। पहले रहने के लिए व्यवस्था करनी है। इसके बाद खेतों को दोबारा खेती के लिए तैयार करना है। अब देखना है कि सरकार कब तक उन्हें राहत शिविरों में रहने देती है। एक अन्य किसान कहते हैं कि बाढ़ ने उन्हें पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। कुछ भी नहीं बचा है। जिंदगी को नए सिरे से शुरू करना होगा। इन हालातों में यदि सरकार उन्हें फसल के नुकसान का मुआवजा देकर बीज-खाद आदि मुहैया करा दे, तो ब...