बिहारशरीफ, सितम्बर 16 -- पेज 4 लीड लम्पी का कहर 02 : फरवरी में 1.69 मवेशियों को लगाये गये थे टीके, फिर भी दिख रहा प्रभाव बीमार मवेशियों के लक्षण के आधार पर होता है इलाज, अलग से कोई दवा नहीं रोग से बचाव के लिए 'गोट पॉक्स का टीका लगाया जाता है मवेशियों को चार माह से कम उम्र की गाय की बछिया सबसे अधिक हैं बीमारी से पीड़ित फोटो लम्पी : लम्पी से पीड़ित मवेशी। बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि। जिले में लम्पी (त्वचा रोग) तेजी से पांव पसार रहा है। 13 प्रखंडों के ढाई सौ से अधिक मवेशी इसकी चपेट में है। अबतक एक दर्जन मवेशियों की मौत भी हो चुकी है। लम्पी संक्रामक बीमारी है। इसके उपचार के लिए अलग से कोई दवा नहीं बनी है। बीमार मवेशियों के लक्षण के आधार पर उपचार किया जाता है। इतना ही नहीं 'लम्पी वायरस से मवेशियों को सुरक्षित रखने के लिए कोई स्पेशल टीका भी अ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.