नई दिल्ली, दिसम्बर 22 -- कलियुग में धन की महत्वाकांक्षा बहुत बढ़ गई है। लोग मेहनत से कमाया धन भी किसी ना किसी बहाने हड़प लेते हैं। धोखा, विश्वासघात या ठगी से जब कोई आपकी मेहनत की कमाई छीन ले, तो मन में गुस्सा, दुख और बदले की भावना आना स्वाभाविक है। लेकिन वृंदावन के प्रसिद्ध संत श्री हित प्रेमानंद जी महाराज अपने सत्संगों में ऐसे मामलों पर गहरी शिक्षा देते हैं। महाराज जी कहते हैं 'धन तो आता-जाता रहता है, लेकिन मन की शांति खो गई तो सब व्यर्थ हो गया।' धन हड़पने वाले का कर्म उसे ही भोगना पड़ेगा, आपको अपना मन शुद्ध रखना है। आइए महाराज जी के उपदेशों से जानते हैं क्या करना चाहिए।गुस्सा और बदले की भावना त्यागें प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि जो धन हड़प लेता है, वह खुद आग में जल रहा है। तुम उसमें घी मत डालो। गुस्सा करने से आपका ही मन दुखी होता है।...