पटना, दिसम्बर 26 -- रंगसृष्टि संस्था की ओर से प्रेमचंद रंगशाला में आयोजित नाट्य महोत्सव शुक्रवार को कलाप्रेमियों से गुलजार रहा। 'अपना महोत्सव-2025' के तहत नाट्य प्रस्तुति 'त हम कुंआरे रहें!' का मंचन किया गया। मृत्युंजय प्रसाद के निर्देशन में नाटक हास्य के साथ समाज में विवाह, दहेज और शारीरिक अक्षमता पर तीखा प्रहार करता है। नाटक में हास्य-व्यंग्य के माध्यम से समाज में विवाह के बदलते प्ररूप को दर्शाया गया है। यह बताने का प्रयास किया गया कि किस तरह से कुरीतियां और पुरानी सोच ने शादी को सौदा बना दिया है, जहां इंसान की भावना नहीं, बल्कि पैसा और बाहरी पूर्णता देखी जाती है। नाटक एक दिव्यांग युवक ज्ञान गुण सागर प्रसाद के इर्द-गिर्द घूमती है। उसे समाज शारीरिक अक्षमता के कारण शादी जैसे अधिकार से वंचित करता है। पिता दहेज के कारण उसकी शादी नहीं करते ह...