लखनऊ, जून 14 -- राजाजीपुरम के श्री घंटेश्वर शनिदेव मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में श्रीमद् जगद्गुरूत्तर रामानुजाचार्य उत्तरतोताद्रिमठ पीठाधीश्वर अनंत श्री विभूषित स्वामी अनंताचार्य जी महाराज ने भक्ति की पराकाष्ठा के प्रतीक प्रह्लाद की कथा सुनाई गई। कथा में कहा कि प्रह्लाद के पिता हिरण्य कश्यप ने ईश्वर को न मानने का आदेश दिया, लेकिन प्रह्लाद सदैव नारायण-नारायण का जप करते रहे। अंत में भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर प्रह्लाद की रक्षा की और अधर्म का नाश किया। यह कथा सत्य, भक्ति और धर्म की विजय का प्रतीक है। समुद्र मंथन, राजा बलि और वामन अवतार का प्रसंग भी सुनाया। कथा के मुख्य यजमान नरेंद्र प्रसाद उपाध्याय, आरती, अभय उपाध्याय, विकास आदि रहे। कथा में मुख्य रूप से आयुर्वेद बोर्ड पूर्व उपनिदेशक वीके वर्मा, गजेंद्र प्रसाद, अनूप शुक्ला, क...
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