किशनगंज, दिसम्बर 21 -- ठाकुरगंज, एक संवाददाता। राजीव कुमार सिन्हा। प्रशासनिक उदासीनता के कारण प्रवासी पक्षियों के लिए वरदान बना गोथरा झील अब धीरे-धीरे सिमटता जा रहा है। आज से कबल 10 से 15 वर्ष पूर्व यहां ठंडी के दिनों में प्रवासी पक्षियों की कोतुहल से पूरा क्षेत्र गुंजायमान रहता था। जो अब सिमटता जा रहा है। अगर अभी भी प्रशासन की नींद नहीं टूटी तो नगर से बिल्कुल सटा चुरली पंचायत में स्थित गोथरा झील इतिहास के पन्नों में सिमट कर रह जाएगा। लगभग यही स्थिति क्षेत्र पंचायत में स्थित कच्चूदह झील की भी है। लगभग 40 एकड़ भूभाग में फैला कच्चूदह झील आज तक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की बात सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा की गई थी पर वह सारी बातें फाइलों में ही सिमट कर रह गई। स्थानीय लोगो का मानना है कि यदि यह झील पर्यटन स्थल के रूप में विक...