गोरखपुर, अक्टूबर 2 -- गगहा, हिंदुस्तान संवाद। श्रीश्री आदर्श रामलीला समिति गंभीरपुर के तत्वाधान में रामलीला के छठे दिन बुधवार को श्रीराम के वनवास का भावुक मंचन किया गया। सीता से विवाह के बाद प्रभु राम सपत्नीक अयोध्या पहुंचते हैं तो पूरा नगर हर्षोल्लास में डूब जाता है। आगे गुरु वशिष्ठ की सलाह पर राजा दशरथ अपने ज्येष्ठ पुत्र मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को राजपाट सौंपने का फैसला करते हैं। उस समय मंथरा ने आकर कैकई की मती भ्रमित की। कैकई ने राजा दशरथ से भरत को राज्याभिषेक और दूसरे वरदान में राम को 14 वर्षों का वनवास मांग लिया। अयोध्या नगरी में शोक छा जाता है। पिता दशरथ के वचन का पालन करते हुए श्रीराम पत्नी सीता व भाई लक्ष्मण के संग वन को चल दिए। इस दौरान सीनियर अधिवक्ता करुणेश प्रताप सिंह, आनंद सिंह, गौरव सिंह विकास, अवनीश सिंह भैरवपुर, संजय सि...