चंडीगढ़, अक्टूबर 15 -- पंजाब के लुधियाना से इंसान और एक घोड़े की अनोखी और भावुक कर देने वाली कहानी सामने आई है। अपने घोड़े फतेहजंग की मौत से इसके मालिक खासी कलां के रहने वाले चरणजीत सिंह मिंटा इतने दुखी हुए कि उन्होंने आत्मिक शांति के लिए भोग समागम तक रख दिया है। इसके लिए बाकायदा कार्ड छपवाए और गुरुद्वारा साहिब में कार्यक्रम रखा, जिसमें सभी जान-पहचान वालों और रिश्तेदारों को न्योता दिया गया है। भोग समागम आज होगा।फतेहजंग को मानते थे अपना तीसरा बेटा चरणजीत सिंह मिंटा ने बताया कि घोड़े पालना और उनसे प्यार करना उनके खून में है। 3 पीढ़ियों से घोड़े पाल रहे हैं। इससे पहले उनके पिता और दादा भी घोड़े पालते थे। फतेहजंग घोड़े का जन्म उनके घर में ही हुआ। बचपन से ही वह बहुत दोस्ताना था। उसका रंग नीला था इसलिए उससे उनको प्यार हो गया। वो और उनकी पत्नी उसे अपन...