चाईबासा, दिसम्बर 24 -- चाईबासा। ईचा खरकई बांध विरोधी संघ, कोल्हान के अध्यक्ष वीर सिंह बिरुली ने कहा है कि झारखंड निर्माण के 25 वर्षों के बाद अबुआ सरकार की हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली कैबिनेट के द्वारा पेसा नियमावली 2025 को पारित करना निश्चित तौर पर स्वागत योग्य कदम है। लेकिन अभी बधाई के पात्र नहीं हो सकते क्योंकि अभी यह देखना होगा कि क्या उक्त नियमावली के द्वारा पेसा कानून 1996 का मूल मकसद पारंपरिक ग्रामसभाओं को शासन की शक्ति और अधिकार देना है। पूरा होता प्रतीत नहीं हो रहा। यदि फिर से पेसा नियमावली 2025 के द्वारा हम आदिवासियों की पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के उपर पंचायत राज व्यवस्था थोपने की कोशिश की गई इसका पूरजोर विरोध किया जायेगा। झारखण्ड कैबिनेट ने फिर से उसी पंचायत राज व्यवस्था को संसदीय अधिनियम 1996 के नियमावली के स्थान पर पारित कर दि...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.