पूर्णिया, जुलाई 13 -- पूर्णिया, धीरज। पूर्णिया जिला के ग्रामीण इलाके में अंधविश्वास का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। लोगों का ऐसा मानना है कि हर गांव में कोई न कोई बुरी नजर है। आज चांद और मंगल पर जाने के दौर में पूर्णिया में अंधविश्वास का अंधेरा फैल रहा है। जागरुकता के अभाव में गांव के कुछ लोग चिकित्सकीय उपचार से ज्यादा जादू-टोना, झांड़-फूंक, ताबीज और टोटकों में विश्वास करते हैं। यही वजह है कि अंधविश्वास की जड़ें अभी तक खोखली नहीं हो पायी हैं। डायन बताकर परिवार को जिंदा जलाने की सोच सामाजिक कुरीति ही नहीं बल्कि मानसिक विकृति भी है। मेडिकल कॉलेज पूर्णिया के मानसिक रोग विभाग के अध्यक्ष डा. नायाब अंजुम कहते हैं कि अंधविश्वास में पहले से कमी आयी है। मगर अभी भी कई जगहों पर है। यह अंधविश्वास नुकसानदायक है। हमें तलाशना है कि लोगों को गुमराह क...