बुलंदशहर, दिसम्बर 22 -- न्यायालय के फैसले से न्याय जरूर मिला है, पर जख्म और दर्द बना हुआ है। मैंने और हमारे परिवार ने जो कुछ झेला है, उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। वह सब कुछ अमानवीय और बर्बर था। अब कानून की पढ़ाई कर रही हूं और भविष्य में जज बनकर पीड़ितों को न्याय दिलाना ही मकसद है। हाईवे गैंगरेप की पीड़ित बिटिया ने कहा कि इस घटना ने उसके और उसके परिवार की जिंदगी बर्बाद कर दी। उनके जीवन से शांति खत्म हो गई और भविष्य अंधकारमय हो गया। फैसला आने के बाद पीड़ित बिटिया ने फोन पर बताया कि शाहजहांपुर अपने पैतृक गांव से भविष्य में अच्छे सपनों के साथ गाजियाबाद में आकर बस गए थे। 29 जुलाई 2016 की रात नोएडा से शाहजहांपुर जाने के दौरान बुलंदशहर में जो घटना हुई, वह जीवनभर का दर्द दे गई। पिछले नौ साल में उसने और उसके परिवार ने जो कुछ झेला, वह अमानव...