हजारीबाग, सितम्बर 21 -- हजारीबाग, हमारे प्रतिनिधि। आश्विन कृष्णपक्ष रविवार को पितृ पक्ष अमावस्या रहने के कारण श्रद्धा और तर्पण के जहां पितरों को विदाई दी गई। वह रविवार को महालया होने के कारण मां दुर्गा के स्वागत की तैयारी शुरू हो गई। दुर्गा पूजा के रंग में हजारीबाग रंगने लगा। ऐसी मान्यता है कि महालया मां दुर्गा के आगमन का संकेत है। जबकि महालया के दिन पितृ धरती से विदा होते हैं। रविवार को महालया होने के कारण मां दुर्गा के आगमन की तैयारी शुरू हो गई। माना जाता है कि महालया के बाद शारदीय नवरात्र आरंभ हो जाता है। मां दुर्गा चहुंओर विराजने लगती है। बरसात के दुख के बाद सुख आने का एहसास होता है। चारों तरफ फैली नकारात्मक और सुस्ती एकदम गायब हो जाती है। अगर महालया से मां अबे मनुष्यों के बीच नौ दिनों के लिए नहीं आती तो नवरात्र में नौ दिनों तक मातारा...